8.11.08

हम हूं भोजपुरी के 'भैया': मनोज तिवारी

भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और नाइन एक्स के 'चक दे बच्चे' के 'देसी एंकर' मनोज तिवारी सात नवम्बर को मध्यप्रदेश उत्सव में भोजपुरी गीतों की प्रस्तुति देने के लिए भोपाल में थे। इस दौरान उन्होंने राजधानी से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र पत्रिका को अपना विस्तृत साक्षात्कार दिया। पत्रिका में प्रकाशित साक्षात्कार को जस के तस पोस्ट कर रहा हू

क्या भोजपुरी फिल्मों की कामयाबी वाकई उतनी ही बड़ी है जितनी कही जाती है?

निश्चित रूप से, भोजपुरी सिनेमा आज एक कामयाब सिनेमा की तरह स्थापित हो चुका है। इसे अन्य भाषाई लोग भी पसंद कर रहे हैं। पिछले पांच सालों में करीब 450 भोजपुरी फिल्में रिलीज हुई हैं और इससे सच्चाई साबित हो जाती है।

इन दिनों भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री मुंबई से बाहर जाने की तैयारी में है, क्या इसका कारण हालिया राजनीतिक विवाद है?

मैं इसके पीछे किसी भी तरह के राजनीतिक या भाषाई विवाद को कारण बिलकुल नहीं मानता। मेरा मानना है कि भोजपुरी इंडस्ट्री को अब विस्तार की जरूरत है, इसीलिए इसे मुंबई के दायरे से बाहर निकालकर बिहार और उत्तरप्रदेश जैसी जगहों पर ले जाने पर विचार किया जा रहा है।

क्या इस शिफ्टिंग के लिए किसी राज्य सरकार की ओर से सहयोग का भी प्रस्ताव मिला है?

हां, बिलकुल। बिहार सरकार ने इसके लिए पटना के पास दो सौ एकड़ जमीन के साथ-साथ दो सौ करोड़ रुपए देने की बात कही है। यदि यह संभव हुआ तो निश्चित रूप से इस इंडस्ट्री के भविष्य के लिए ये एक बड़ा कदम होगा।

मनोज तिवारी मूल रूप से एक्टर है या सिंगर?

मैं पहले अपने आपको भोजपुरी परम्परा का लोकगायक मानता हूं, एक्टर उसके बाद। लेकिन लोगों से मिले भरपूर प्यार के कारण मेरे लिए दोनों ही बराबर महत्व रखते हैं।

आपके पसंदीदा गायक कौन हैं?

मेरी अपनी भोजपुरी परम्परा में भिखारी ठाकुर महान लोकगायक हुए हैं। वे मेरे ही नहीं बल्कि भोजपुरी से जुड़े हर व्यक्ति के पसंदीदा गायक हैं। 'बिदेसिया' जैसे उनके रचे गीतों ने भोजपुरी गीत-संगीत को वैश्विक पहचान दिलाई है।

आपकी नई फिल्म?

तीन दिन पहले मेरी नई भोजपुरी फिल्म 'ए भाभी की सिस्टर' रिलीज हुई है, जिसे यूपी और बिहार में शानदार इनीशियल मिला है।

भोपाल के बारे में क्या कहेंगे?

मैं पहली बार इस शहर में आया हूं और सच कहूं तो भोपाल मेरी कल्पना से कहीं ज्यादा साफ और सुंदर जगह है। यदि इसका प्रमोशन सलीके से किया जाए तो पर्यटन के क्षेत्र में इसका महत्व और ज्यादा बढ़ सकता है।

1 Comment:

मुन्ना कुमार पाण्डेय said...

बढ़िया प्रस्तुति...भोजपुरी के लेके राउर रुझान बधाई लायक बा.हमहू दू-चार गो पोस्ट भोजपुरिया सिनेमा औरी गाँव-घर पर लिखले बानी.आपन कुछ प्रतिक्रिया दिहल जाये ..निक लागी