5.12.08

इग्नू में भोजपुरी के कोर्स के का भैलू बा ?

  • शैलेश मिश्र (डैलस, टैक्सस, अमेरिका)

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविधालय (इग्नू) जनवरी २००९ से भोजपुरी में फाउंडेशन कोर्स चालू करे के घोषणा कईले बा जवन कि भोजपुरी भाषा के बढावा देबे में एगो नया कदम बा अउरी भोजपुरी के औपचारिक रूप से पढाई में मदद करी. साथ ही एहसे भोजपुरी भाषा के मान्यता मिले में सहायता भी मिली. इग्नू के प्रोफेसर शत्रुघ्न कुमार भोजपुरी भाषा के लेके जोर-शोर से पाठ्यक्रम तैयार करे में लागल बाडन आ उनुकर प्रयास सराहनीय बा. इग्नू में भोजपुरी के पढाई एगो ऐतिहासिक कदम बा लेकिन एह भोजपुरी पाठ्यक्रम के इंडस्ट्री, मीडिया, भोजपुरिया समाज और छात्र-छात्रा के नज़र में का भैलू बा ?

भोजपुरी कोर्स होखे भा कौनो अउरी भाषा के पढाई -- ओकर भैलू तबे होला जब भाषा के विशेषज्ञ आ सही ज्ञान वाला जानकार लोग, कोर्स के निर्माण में शुरूवे से रहे. एह पर तनी ध्यान दिहीं, त सवाल उठेला भोजपुरी कोर्स के कंटेंट पर, आ पाठलेखक पैनल पर - जवना आधार पर आवे वाला भोजपुरी पढाई के नींव टिकल बा. इग्नू भोजपुरी भाषा के लेके गंभीर बा लेकिन हाल ही में एगो अइसनका आदमी के भोजपुरी कोर्स के पाठ लेखक के रूप में, पैनल में शामिल कईलस जे ना त शिक्षक हवन, ना प्रोफ़ेसर हवन आ ना ही कौनो साहित्यकार. एहसे भोजपुरी विभाग आ भोजपुरी कोर्स के भैलू पर प्रश्न-चिह्न लाग गईल बा . कवनो जरूरी नइखे कि पोपुलर और सर्वत्र व्यापी लोग हर क्षेत्र में सर्वज्ञो होखे.

१८ लाख से ज्यादा छात्रन के पढ़ावे वाला इग्नू में भोजपुरी कोर्स के पाठलेखकन का पैनल में, आज बुझात बा कि केहू भी शामिल हो सकेला आ जवन मन में आए, तवन विचार कोर्स में डलवा सकेला. कोर्स सलाहकार आ पाठ लेखक में अन्तर होला, पर दुनो में अनुभवी लोगन के सहायता चाहीं. प्रोफेसर शत्रुघ्न कुमार जइसन अनुभवी लोगन का निगरानी में भोजपुरी के पढाई पर एक ओर करोड़ों भोजपुरिया लोग आस लगाई के बईठल बा, त दूसरा ओर आवे वाला भोजपुरी पढाई के भविष्य बेसब्री से राह ताकऽतिया. लेकिन इग्नू विश्वविद्यालय के भोजपुरी शिक्षक-लेखक पैनल टीम जब मीडिया के चकाचक से चौंधिया जाय अउरी केहू के भी शामिल कर ले, त भोजपुरिया समाज में इग्नू के आवे वाला भोजपुरी कोर्स के का भैलू रही ?

कहल जाला कि भाषा जेतने सीखीं, ओतने नीमन बा काहें से कि भाषा से विचार के विकास होला. लेकिन विश्व के सबसे बड़का विश्वविधालय - इग्नू भी बिना कौनो आधार के अगर भोजपुरी पैनल में लोगन के शामिल करे लगे, त समझ लीं कि शिक्षा भी बिकाऊ हो सकेला आ काल-परसों बछिया के ताऊवो भोजपुरी के नाम पर कोर्स चालू करे लगिहन. वेबसाइट चलावे वाला इन्टरनेट मीडिया के लोग अगर भोजपुरी फाउंडेशन कोर्स के पाठ्यक्रम लिखे लगे त काल-परसों पंचायत के कहला पर पानवाला-दूधवाला भी इग्नू, बिहार यूनिवर्सिटी अउरी पूर्वांचल विश्वविद्यालय जईसन शिक्षा के मन्दिर चलावे लगिहन. नीमन सलाह केहू भी दे सकेला पर नीमन पाठ्यक्रम निकालल सबके बस के बात नइखे. आई.आई.टी से लेके टॉप कॉलेजन तक सैंकडों भोजपुरी भाषा विशेषज्ञ लोग बैठल बा, लेकिन इग्नू के नज़र मीडिया में फ़िसल गईल. इग्नू कवनो प्राइवेट संस्था ना ह, एकरा मतलब ई ना ह कि सरकारी विश्वविधालय में सरकारी राज चले.

भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य सम्बन्ध पूजनीय रहल बा लेकिन इग्नू के भोजपुरी कोर्स में अगर केहू भी गुरु के स्थान पर बईठे लागी, त शिक्षा में शिष्य के विश्वास ख़तम हो जाई अउरी अईसन कोर्स के प्रमाण-पत्र के भोजपुरी इंडस्ट्री में भैलू घट जाई। इहे ना, भोजपुरी डिग्री प्रदान करेवाला कॉलेज या विश्वविद्यालय भी हँसी के विषय बन के रही जाई. इग्नू के मान-मर्यादा अउरी फियुचर में भोजपुरी कोर्स के का भैलू रही, ओहसे लोग भोजपुरी सीख पायी कि ना, भोजपुरी पढ़िके कोर्स सर्टिफिकेट से लोग भोजपुरी इंडस्ट्री में नौकरी पायी कि ना - ई सब सवाल के जवाब आवे वाला समये बता पायी. फ़िलहाल त इग्नू में भोजपुरी राम भरोसे बिया.

(बलिया जिला के शैलेश मिश्र हिन्दी आ भोजपुरी भाषा के लेखक कवि हउवन; भोजपुरी असोसिएशन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका के संस्थापक आ अध्यक्ष हउवन; भोजपुरी के प्रसिद्ध सोशल नेटवर्क - भोजपुरीएक्सप्रेस।कॉम के सृजनकर्ता हउवन अउरी भोजपुरी मीडिया मंत्र ग्रुप के सलाहकार आ भोजपुरी असोसिएशन ऑफ़ इंडिया के शुभ-चिन्तक हउवन)

अंजोरिया से साभार

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